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चैत मास चुनरी रंगाइदै हो रामा।।
मेंहदी लगाइ दै पिया हथवा रचाइ दै,
हथवा के संग संग अँगुरिउ रचाइ दे।
बिच बिच झुमकी लगाइ दै हो रामा।।
पनवा खवाइ दै पिया, कजरा लगाइ दै,
कजरा के संग संग गजरा लगाइ दै।।
बिच बिच मुतिया लगाइ दै हो रामा।।
हथवा गुदाइ दै पिया, हरवा गढ़ाइ दै,
हरवा के संग संग मुदरी मगाइ दै।
जहँ तहँ टिकुली लगाइ दै हो रामा।।