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हरि लियें रे लकुट खेलैं होरी।।
पहली होरी अबध में खेली, जहाँ सीता राम बनी जोड़ी।।
दूसरी होरी गयाजी में खेली, जहां गजा गजाधर की जोड़ी।।
तीसरी होरी प्रयाग में खेली, जहां बैनीमाधौ की जोड़ी।।
चौथी होरी वृन्दावन खेली, जहाँ राधाकृष्ण बनी जोड़ी।।