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गारी दई और कांकर मारौ, अब कैसें घर जाउगे लला।।
कांकर मारि गली भयौ ठाढ़ौ, अबकैं बदलौ मैं लैऊंगी लला।।
छीनि लेंउँ तेरी लकुट कमरिया, तब कैसे इठिलाउगे लला।।